देर से शादी के क्या कारण हो सकते हैं?

विवाह, एक व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण घटना है, जिसे उत्साह और उत्तेजना के साथ आगे बढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ व्यक्तियों के लिए, विवाह की यात्रा में देरी और बाधाएं आ सकती हैं। ज्योतिष क्षेत्र में, इन देरियों को विभिन्न खगोलीय कारकों के प्रभाव माना जाता है। डॉ. विनय बजरंगी, जो एक प्रसिद्ध ज्योतिषीकार है, “विवाह में देरी के ज्योतिषीय कारण/delaying in marriage,” “कुंडली में विवाह की संभावना है या नहीं,” और “वास्तु दोष के कारण विवाह में बाधा” पर अपने दृष्टिकोण के माध्यम से विवाह में देरी के पीछे छिपे कारणों पर प्रकाश डालते हैं।

विवाह में देरी के ज्योतिषीय कारण

सप्तम भाव में पाप ग्रहों का प्रभाव: कुंडली में सप्तम भाव विवाह का भाव होता है। यदि इस भाव में पाप ग्रहों का प्रभाव हो, तो विवाह में देरी हो सकती है। इसके अलावा, यदि सप्तम भाव का स्वामी कमजोर हो या किसी पाप ग्रह से युक्त हो, तो भी विवाह में देरी हो सकती है।

मंगल ग्रह का प्रभाव: मंगल ग्रह को विवाह में बाधा डालने वाला ग्रह माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ प्रभाव में हो, तो उसकी शादी देर से हो सकती है। इसके अलावा, यदि मंगल ग्रह सप्तम भाव में हो या किसी पाप ग्रह से युक्त हो, तो भी विवाह में देरी हो सकती है।

शनि ग्रह का प्रभाव: शनि ग्रह को भी विवाह में बाधा डालने वाला ग्रह माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अशुभ प्रभाव में हो, तो उसकी शादी देर से हो सकती है। इसके अलावा, यदि शनि ग्रह सप्तम भाव में हो या किसी पाप ग्रह से युक्त हो, तो भी विवाह में देरी हो सकती है।

शुक्र ग्रह का प्रभाव: शुक्र ग्रह प्रेम और विवाह का कारक होता है। यदि शुक्र ग्रह कमजोर हो या किसी पाप ग्रह से पीड़ित हो तो विवाह में देरी हो सकती है।

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कुछ अन्य ज्योतिषीय कारण

काल सर्प योग: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प योग है, तो उसकी शादी में देरी हो सकती है।

मंगल दोष: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसकी शादी में देरी हो सकती है।

पितृ दोष: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो उसकी शादी में देरी हो सकती है।

कुंडली में विवाह का योग  होना

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में विवाह का योग नहीं है, तो उसकी शादी देर से हो सकती है। कुंडली में विवाह का योग कई ग्रहों और भावों से बनता है। यदि इनमें से कोई भी ग्रह या भाव कमजोर हो, तो विवाह में देरी हो सकती है। इनमें से कुछ प्रमुख योग इस प्रकार हैं:

सप्तम भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव में शुभ ग्रहों का प्रभाव हो, तो उसकी शादी जल्दी हो सकती है।

सप्तम भाव का स्वामी शुभ भावों में स्थित: यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी शुभ भावों में स्थित हो, तो उसकी शादी जल्दी हो सकती है।

शुक्र और गुरु ग्रहों का शुभ प्रभाव: शुक्र और गुरु ग्रहों को विवाह के कारक ग्रह माना जाता है। यदि इन ग्रहों का किसी व्यक्ति की कुंडली में शुभ प्रभाव हो, तो उसकी शादी जल्दी हो सकती है।

चंद्र ग्रह: चंद्र ग्रह मन का कारक ग्रह होता है। यदि चंद्र ग्रह अशुभ है, तो व्यक्ति को मनचाहा जीवनसाथी मिलने में देरी हो सकती है।

वास्तु दोष के कारण विवाह में रुकावट आना

वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर में कोई वास्तु दोष हो, तो विवाह में रुकावट आ सकती है। कुछ प्रमुख वास्तु दोष जो विवाह में रुकावट डाल सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दोष इस प्रकार हैं:

सोने का कमरा: यदि सोने का कमरा किसी अशुभ दिशा में हो, तो विवाह में रुकावट आ सकती है।

रसोईघर: यदि रसोईघर किसी अशुभ दिशा में हो, तो विवाह में रुकावट आ सकती है।

पूजाघर: यदि पूजाघर किसी अशुभ दिशा में हो, तो विवाह में रुकावट आ सकती है।

उत्तरपूर्व दिशा: घर का उत्तर-पूर्व दिशा विवाह का स्थान होता है। यदि इस दिशा में कोई वास्तु दोष है, तो विवाह में देरी हो सकती है।

ईशान कोण में कटाव: ईशान कोण विवाह और जीवनसाथी का कारक होता है। यदि इस कोण में कटाव हो तो विवाह में देरी हो सकती है।

दक्षिणपश्चिम कोण में भारी वस्तुएं रखना: दक्षिण-पश्चिम कोण राहु का कारक होता है। यदि इस कोण में भारी वस्तुएं रखी जाएं तो विवाह में देरी हो सकती है।

शयनकक्ष में दर्पण: शयनकक्ष में दर्पण रखना विवाह में बाधाओं का कारण बन सकता है।

विवाह में देरी के अन्य कारण

कई लोग हैं जो 30 साल की उम्र के बाद शादी करते हैं, और कुछ लोग तो कभी भी शादी नहीं करते हैं। देर से शादी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें व्यक्तिगत और सामाजिक कारण भी शामिल हैं।

शिक्षा और करियर: आजकल, लोग अपनी शिक्षा और करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए देर से शादी करते हैं।

आर्थिक स्थिति: आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए लोग देर से शादी करते हैं।

सामाजिक दबाव: समाज में शादी को लेकर बहुत दबाव होता है, जिसके कारण लोग देर से शादी करते हैं।

पारिवारिक समस्याएं: पारिवारिक समस्याओं के कारण भी विवाह में देरी हो सकती है।

उपाय

यदि आप विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं तो आप डॉ. विनय बजरंगी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।वे आपकी कुंडली का अध्ययन करके विवाह में देरी के कारणों का पता लगा सकते हैं और उपयुक्त उपाय बता सकते हैं। इसके अलावा, आप वास्तु शास्त्र के अनुसार अपने घर में बदलाव करके भी विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं

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